जब कोई पुरुष किसी महिला को शादी का झूठा वादा करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता है, और फिर उस वादे को निभाने का कोई वास्तविक इरादा नहीं रखता था, तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अंतर्गत बलात्कार माना जा सकता है।

08 Jun 2025 : 22:53 Comments:  Views: 
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???? निःशुल्क कानूनी सहायता | Legal Aid Pro Bono Service

???? प्रस्तुतकर्ता: माननीय डॉ. एंथनी राजू, सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता, भारत के शीर्ष आपराधिक व बलात्कार मामलों के विशेषज्ञ

???? अध्यक्ष: ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ ह्यूमन राइट्स, लिबर्टीज एंड सोशल जस्टिस

???? झूठे विवाह के वादे पर बलात्कार क्या है?

जब कोई पुरुष किसी महिला को शादी का झूठा वादा करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता है, और फिर उस वादे को निभाने का कोई वास्तविक इरादा नहीं रखता था, तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अंतर्गत बलात्कार माना जा सकता है।

???? लेकिन हर विवाह वादाखिलाफी बलात्कार नहीं होती।

???? कानूनी प्रावधान:

धारा 375 IPC – बलात्कार की परिभाषा देती है।

धारा 90 IPC – बताती है कि जब सहमति भ्रम या धोखे में दी गई हो तो वह वैध नहीं मानी जाती।

???? बलात्कार सिद्ध करने के प्रमुख तत्व (False Promise of Marriage):

✅ 1. तथ्य के भ्रम में सहमति (Section 90 IPC)

महिला ने केवल विवाह के वादे के आधार पर ही सहमति दी थी।

वादा शुरू से ही झूठा और कपटपूर्ण था।

✅ 2. प्रारंभ से ही झूठा इरादा (False Intent)

आरोपी का विवाह करने का कोई वास्तविक इरादा नहीं था।

यदि इरादा शुरू में सही था लेकिन बाद में हालात बदले, तो यह बलात्कार नहीं माना जाएगा।

✅ 3. सक्रिय रूप से धोखा देना (Active Misrepresentation)

आरोपी ने जानबूझकर झूठे वादे के ज़रिए महिला को भ्रमित किया।

सिर्फ चुप रहना नहीं, बल्कि गलत जानकारी देना ज़रूरी तत्व है।

✅ 4. स्वतंत्र सहमति का अभाव

अगर महिला ने बिना किसी दबाव या धोखे के सहमति दी है, तो यह बलात्कार नहीं है।

⚖️ महत्वपूर्ण न्यायिक टिप्पणियाँ:

???? प्रमोद सुर्यभान पवार बनाम महाराष्ट्र राज्य, 2019 (सुप्रीम कोर्ट)

> “यदि विवाह का वादा शुरू से ही झूठा था और केवल शारीरिक संबंध के लिए किया गया, तो ऐसी सहमति वैध नहीं मानी जाएगी।”

???? उदय बनाम कर्नाटक राज्य, 2003 (दिल्ली हाईकोर्ट)

> “यदि शुरू से ही शादी का इरादा नहीं था, और महिला को सिर्फ शारीरिक संबंध के लिए बहकाया गया, तो यह बलात्कार है।”

❌ कब बलात्कार नहीं माना जाएगा?

1. यदि लंबे समय तक दोनों के बीच सहमति से संबंध रहा हो और कोई दबाव न हो।

2. अगर शादी न होने के कारण सामाजिक, जातीय, या पारिवारिक दबाव हों।

3. यदि दोनों की सहमति से रिश्ता खत्म हुआ हो या परिस्थितियां बदली हों।

✅ संक्षिप्त सारांश:

तत्व बलात्कार सिद्ध करने के लिए अनिवार्य

वादा झूठा था ✅

विवाह का इरादा शुरू से नहीं था ✅

सहमति केवल वादे पर आधारित थी ✅

सहमति स्वतंत्र नहीं थी 

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???? यदि आपको या किसी और को इस प्रकार के मामले में कानूनी सहायता, FIR क्वैशिंग या परामर्श की आवश्यकता है, तो कृपया डॉ. एंथनी राजू की कार्यालय से निःशुल्क संपर्क करें।

Human Rights Council of India 

Human Rights Commission 

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